बच्चपन का एक तरफा प्यार
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यह उन दिनों की बात है जब मैं स्कूल जाया करता था। मेरा स्कूल काफी दूर भी था, तब मुझे सुबह जल्दी उठना भी पड़ता था और गाड़ी ना छूट जाए ,इस कदर, मैं जल्दी-जल्दी तैयार होकर जाता था जब मैं गाड़ी में जाता ,तो हमेशा की तरह कुछ दूर किलोमीटर में रास्ते में कोहरा काफी रहता। सर्दी, गर्मी और बरसात के समय से लेकर स्कूल की वाषिर्क पेपर तक काफी कोहरा रहता था ,कोहरा इतना अधिक रहता था की आगे मार्ग पर हल्का हल्का धुंधला सा दिखाई देता था ऐसा हमेशा रहता है तथा लेकिन उस दिन जब मैं खिड़की से झांक कर देखा तो रोड के एक छोर पर दूसरे स्कूल के बच्चे वहां पर खड़े थे थोड़ी आगे पर एक लड़की भी खड़ी थी मैंने उसे गाड़ी के खिड़की से झांक झांक कर खूब देखा। उस दिन स्कूल में काफी खुश हुआ जब स्कूल की छुट्टी हुई तो मैं घर आया और घरवालों ने पूछा "आज स्कूल में पढ़ाई हुई" मैंने खुश होकर कहा हां "आज स्कूल में पढ़ाई अच्छी हुई"
रोज स्कूल जाते वक्त उसे मैं हमेशा देखता था। जब मैं बस में जाता तो कभी कभार ही खिड़की वाली सीट मिलती जिस दिन नहीं मिलती तो मैं मन ही मन बोलता " साला आज का दिन ही खराब है"
जैसे जैसे समय निकलता गया वैसे वैसे मेरी दसवीं की बोर्ड परीक्षाएं सामने आने लगी। मैंने अब स्कूल कम जाने लगा घर पर ही परीक्षाओं की तैयारी करने लगा। दसवीं पास की और मैं जब 11वीं में गया ।
काफी दिनों के बाद गाड़ी के खिड़की से झांका तो अब वहां पर वह लड़की हुई थी कहीं दिनों तक मैं उस लड़की को देखने के लिए बाहर झांका मगर उस लड़की के अलावा सारे बच्चे वहां पर मौजूद थे
अब तो स्कूल जाने का भी मन नहीं करता था लेकिन जैसे तैसे मैं स्कूल जाता था मैं गाड़ी के आगे वाली सीट पर बैठा था अचानक से देखा कि वह लड़की दूसरे स्कूल के ड्रेस में चल रही थी मैंने उसे पीछे से देखा तो मैंने सोचा यह वही लड़की तो नहीं है गाड़ी आगे की ओर चली तो मैं सीधे पीछे की ओर देखा तो वह वही लड़की थी। मैं खुश हो गया
अब लड़की कभी-कभी ही दिखती थी मेरे पास इतना हिम्मत नहीं की, मैं उसे कुछ बोलूं।
सर्दियों का दिन था। जब स्कूलों में छुट्टी 3:45 मिनट में होती थी लड़कियों की
स्कूल के छुट्टी हमारे स्कूल के साथ होती थी। मैं स्कूल से 15 मिनट पहले ही भाग जाता था ,और गाड़ी के लिए मैं मैक्स स्टैंड पर चल जाता, तो मैं गाड़ी में बैग रखकर बाहर रोड के किनारे खड़ा हो जाता। उस लड़की को देखता और गाड़ी में चले जाता। एक दिन मैं स्कूल से घर जाने लगा तो मैं धीरे धीरे रास्ते में जा रहा था और रोड में गया थोड़ी आगे गया तो देखा के मैक्स स्टैंड में गाड़ी नहीं थी। मैं बस का इंतजार करने के लिए मैक्स स्टैंड के दूसरी तरफ गया। मैंने देखा कि वह लड़की भी आज स्कूल से लेट आ रही थी। वह लड़की मैक्स स्टैंड की तरफ थी। उस लड़की के साथ शायद दो या तीन सहेलियां आगे पीछे थी। मैं देखते ही खुश हो गया उस लड़की के साथ की सही एक सहेली ने मेरी तरफ उंगली से इशारा की और रुक गई। वह लड़की भी रुक गई कुछ देर तक, वह रूके पता नहीं वह किसे उंगली से इशारा कर रहे थे। मैंने उन्हें देखा और मेरी धड़कन बढ़ने लगी और मैं काफी डर गया पता नहीं ऐसा क्यों हुआ वह कभी कभार वह जाते वक्त रोड पर मिल जाती तो मेरी धड़कन अचानक से बढ़ने लगती और मैं कुछ नहीं बोल पाता मैंने कुछ समय बाद स्कूल की पढ़ाई छोड़ दी और मैंने आगे की पढ़ाई नहीं की आज भी मेरे दिलों में उसका याद आती है तो मैं ..........
कभी कभार मैं अपने ऊपर हंसता हूं। कम से कम नाम तो पूछ लेता ,मुझे तुम आज भी उसका नाम नहीं पता।।
