यह कहानी 21वीं शताब्दी की है। मैं घर से करीब एक या दो सौ किलोमीटर दूर दीदी के यहां गया ,उन दिनों दीदी उस गांव में रहती थी। हमारा दिनचर्या सामान्य दिनचर्या की भांति था। लेकिन उस रात हमारे दूर के रिश्तेदार, उनका घर हमारे घर से थोड़ी दूर था।।
वह हमारे घर रात 9:00 बजे करीब आए और कुछ बातें की और चले गए । हमें तो मालूम ही नहीं था ,वह कहां से आ रहे हैं और ना ही हमने पूछो लेकिन वह कुछ कह रहे थे। लेकिन हम ने उनकी बात को ज्यादा ध्यान से नहीं सुना। लेकिन उनके चले जाने पर घर के थोड़ी दूर बिजली के पाइप पर मारने की आवाजें आई। थोड़ी देर बाद सामने वाले घर का कुत्ता किसी जानवर के हाथ में मारे जाने की आवाजें आई। जैसे मानो जंगल के बाघ ने कुत्ते को पकड़ कर मार रहा हो। उसके थोड़ी समय बाद घर के चारों ओर चलने की आवाजें आई, लेकिन उसके बाद बाघ की दहाड़ने की आवाजें आई ।उन दिनों, मैं और मेरी छोटी दीदी उस घर में रह रहे थे, घर के छत पर बाघ के चलने की आवाज आई, घर भी उतना मजबूत नहीं था। एक त्रिपाल या पॉलिथीन से ढका हुआ था।
जैसे ही मैं सोया, उससे पहले मेरी दीदी सो गई थी और आवाजें छत से बाघ की चलने की आई मैं भयभीत हो गया था। मेरी सांसे और धड़कन की धड़कने की आवाजें काफी जोर-जोर से सुनाई दे रही थी। मुझे लगा मेरी धड़कन की आवाजें ऊपर बाघ तक सुनाई ना देे, लेकिन जैसे तैसे मैं सोया तो नींद में मुझेे, मेरी आवाज से पुकारा था। और मुझे जमीन से काफी ऊंचाई में उठाता और गिराता था। और मेरा गला कोई दबा रहा था। काफी परेशान होने के बाद यह चलता रहा, लेकिन जैसे तैसे मेरी नींद खुली तो मैं पसीने से लथपथ था। और सामने मंदिर मैं गया और पूजाई में प्रयोग होने वाले लाल पिठाई भभूति लगाया। और घर के चारों ओर उड़ाया और में सो गया।
मैं अगली सुबह उठा दो काफी डरा हुआ था। और कुछ समय बाद दूसरे घर से रोने की आवाजें आ रही थी। तब जाकर पता चला की दूसरे घर में कोई गुजर गया था। जो व्यक्ति हमारे घर आया था, तब जाकर पता चला की वह व्यक्ति मृत शरीर के घर से आ रहा था। उस रात में जो भी घटनाएं घटी वह घटनाएं केवल मुझे ही सुनाई दी अन्य ब्यक्तियों को इसके बारे में कुछ भी पता नहीं। जो कुत्ता बाघ ले गया था। सुबह जाकर पता चला उस रात ना कोई बाघ आया, ना ही कोई कुत्ता को मारा, तो वह रात मेरे जीवन का काफी डरावना समय था। उसके बाद हमारे जीवन में काफी बदलाव आए पशुओं की तरह व्यवहार करने लगा और आधा कच्चा भोजन खाने लगा, बाद में यह ठीक हो गया था।।
आज भी सोचता हूं वह आवाजें क्या थी?
